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26 अतिक्रमणकारियों ने डेढ़ हजार पेड़ काटकर झोपड़ियां बना ली

गरियाबंद न्यूज़ मैनपुर । सीता नदी अभ्यारण क्षेत्र के अरसीकन्हार रेंज स्थित घोरा गांव के 26 परिवारों ने 15 हेक्टेयर जंगल के करीब डेढ़ हजार पेड़ काटकर 26 झोपड़ियां कब्जा करने की नियत से बना लिए हैं। वन विभाग ने ड्रोन सर्वे किया तो इसका खुलासा हुआ। इसके बाद वन विभाग ने कब्जाधारियों को तीन बार नियम बद्ध नोटिस दिया गया उसके बाद भी काबीज में रहे जिसके कारण वन विभाग के अफसरों ने राजस्व एवं पुलिस के साथ मिलकर 9 से शाम 6 बजे तक अतिक्रमण को हटाने में लग गए जंगल से काटे गए।

पेड़ों से ही झोपड़ियों बनाई गई। वन विभाग से बचने मिट्टी का लेप लगा लिया था। जंगल में अतिक्रमण किया गया था सभी के पास गांव में पक्के मकान हैं फिर भी लोगों ने जंगल काटकर कब्जा कर लिया आगे एक बस्ती बनाई गई। सीता नदी उदंती अभ्यारण के डीएफओ वरुण जैन ने बताया कि करीब 15 हेक्टर वन भूमि में घोरा गांव के 26 परिवार ने अतिक्रमण किया था। सभी के पास खुद का घर है फिर भी इन्होंने पेड़ों को काटकर कब्जा किया था। अप्रैल 2022 में गूगल ड्रोन के जरिए उसी जगह की जांच की गई तो पहले वह वर्तमान की स्थिति नजर आई पेड़ों को काटने और जंगल में अतिक्रमण मामले पर नियमानुसार कार्यवाही भी होगी।

कार्यवाही के दौरान एसडीओ बीके लकड़ा इन अधिकारियों ने अतिक्रमण करने वालों पर कार्रवाई की विगत दिनों को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक कार्यवाही में देवदत्त रेंज अफसर अर्शीकनहर भाव सिंह देवांगन, रेंज अफसर सीता नदी, सरस साहू, देवशरण साहू, अनस राम ध्रुव, धनेश साहू, नारायण सिंह ध्रुव, अशोक निर्मलकर, वेदन साहू, चंद्रभान साहू, नंद कुमार यादव, तोरण नाग, अवध साहू, पीके नेता व राजेंद्र सिन्हा आदि शामिल थे।

नगरी टीआई दिनेश कुर्रे, तहसीलदार केतन सहित पुलिस व राजस्व विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक दुबे ने आदिवासियों की घर उजाड़ने की लगाई है। आरोप क्योंकि सरकार के द्वारा आदिवासियों की जमीन को पट्टा देते हैं और घर बसाने की कार्यकरते हैं, क्योंकि जल जंगल जमीन ने उन्हीं की काबिल रहती है और वहीं सुरक्षा करते हैं उसके बाद भी इन को बेदखल किया गया है।

कब्जा वन विभाग की टीम एवं राजस्व पुलिस ने हटाया – घोरा गांव के 26 परिवारों ने पास के जंगल में कब्जा किया था करीब 15 हेक्टेयर एरिया डेढ़ हजार से ज्यादा पेड़ काटकर जंगल को नष्ट किए थे और उसमें का बीज कर खेती करने की कोशिश की जा रही थी। झोपड़ियां नुमा बना करके कब्जा किए थे।

झोपड़ियों में दो-चार लोग रहते थे। दो घरा की तरह अन्य जगह में भी उनका पक्का मकान था। केवल जमीन के लालच से ही वनों को नष्ट करने के इरादे से वहां पर रहने लगे थे। झोपड़ी जेसीबी से उखाड़ दिए हैं। कब्जाधारी 26 ग्रामीणों को हिरासत में लिया सभी को कोर्ट में पेश किया गया जहां से जमानत पर रिहा हुए हैं। सीता नदी अब उदंती अभ्यारण केडीएफ वरुण जैन घोरा गांव के ही 26 कमार आदिवासी परिवार ने जंगल में कब्जा किया था।

3 बार नोटिस देने के बाद कब्जा नहीं हटाया तो वन विभाग की टीम ने राजस्व पुलिस से सहयोग लेकर 15 हेक्टर एरिया को अतिक्रमण मुक्त किया है क्योंकि वन विभाग की कोशिश है कि जंगल बचाना है। वन है तो जीवन है। करीब 3 साल पहले 2019 में घोड़ा गांव के ही 26 परिवार ने कब्जा किया था सभी के पास पक्के मकान हैं। इन सभी ग्रामीणों ने किया था कब्जा एसडीओबी के लकड़ा ने बताया कि वन विभाग के मुताबिक, नारद दुर्गेश, जागेश्वर, कमलेश, विशेष नाथ, मंतूराम, चमरू राम जगत, रामधन सिंह, फूल सिंह, महंगू राम, कैलाश, विष्णु तिहारू, रुपेश, ईश्वर, घासीराम मेघनाथ, सुखचंद, जयसिंह, बसंत संत कुमार, सुखराम सहित 26 लोगों ने कब्जा किया था जिस पर वन अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई है।

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