गरियाबंद जिला | Gariyaband Jila

भूतेश्वर महादेव गरियाबंद Bhuteshwar Mahadev Gariaband

भूतेश्वर महादेव मंदिर विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग है जहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। लोग इसे भूतेश्वर धाम के नाम से भी पुकारते हैं यह Bhuteshwar शिवलिंग केवल जिले में ही नहीं बल्कि विश्व प्रसिद्ध शिवलिंग है जहां विदेशों से भी दर्शन करने आते हैं।

भूतेश्वर महादेव कहां स्थित है?

Bhuteshwar Mahadev का शिवलिंग मंदिर भारत देश छत्तीसगढ़ राज्य के गरियाबंद जिले Gariyaband Jila के एक छोटे से गांव मरौदा के समीप स्थित है छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 100 किलोमीटर दूर गरियाबंद जिला के पश्चिम दिशा में विशालकाय प्राकृतिक शिवलिंग स्थित है जिसे भूतेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।

भूतेश्वर नाथ महादेव शिवलिंग की खाश बात यह है कि यह नीत दिन प्रतिदिन आकार में बढ़ती जा रही है Bhuteshwar Mahadev शिवलिंग के समीप ही एक गुफा भी मौजूद है जहां भगवान शिव जी को प्रिय नागदेव भी हमेशा वास करते हैं, बरसात के दिनों में इस गुफा में पानी भरा रहता है।

भूतेश्वर महादेव मंदिर में हमेशा बारहों माह श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है परंतु श्रावण मास में यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु और कांवड़ियों का दर्शन हेतु भीड़ लग जाता है। श्रावण के महीने में मेला जैसा माहौल बना रहता है।

Bhuteshwar Mahadev के चारों ओर मंदिरों का निर्माण किया गया है तथा श्रद्धालुओं के विश्राम के लिए विश्राम गृह का निर्माण किया गया है जहां लोग रात्रि विश्राम कर सकते हैं। भूतेश्वर महादेव शिवलिंग की ऊचांई लगभग 18 फीट एवं चौडाई ( गोलाई ) 20 फीट है। पुरातत्व विभाग द्वारा प्रतिवर्ष इस शिवलिंग की लम्बाई चौड़ाई की माप की जाती हैं। जिसके अनुसार इस शिवलिंग प्रतिवर्ष (छः) 6 से (आठ) ८ इंच बढ़ रही हैं।

भूतेश्वर महादेव शिवलिंग का इतिहास

जिसको लोग भगवान के रूप में मानते हो उसका भला इतिहास कौन बतला सकता है फिर भी कुछ जानकारों द्वारा कहा जाता रहा है कि आज से लगभग 31-32 वर्ष पहले भूतेश्वर महादेव शिवलिंग अस्तित्व में आई थीं , आज भी इस शिवलिंग की उत्पत्ति के बारे में कोई सटीक जानकारी एवं तर्क मौजूद नहीं है। यहां चारों तरफ जंगल ही जंगल था आस पास कुछ खेत मौजूद थीं जहां किसान खेती करते थे लोगों को यहां पर बैल की हुंकार की आवाजें सुनाई देती थीं परंतु जब वहां जाकर देखा जाता तो वहां न तो बैल और न ही कोई अन्य जानवर मौजूद होते थे। वहां केवल पत्थरों के टीले ही नजर आती थीं ऐसे ही आवाजें सुनते सुनते वहां स्थित शिवलिंग नुमा पत्थर पर लोगों को आस्था होने लगी क्योंकि वह अपने आकार में बढ़ती जा रही थी और आज भी आकार बढ़ रही है।

इसे लोगों की आस्था कहें या भगवान शिवजी की चमत्कार तब से श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी।

भूतेश्वर महादेव मंदिर जाने का मार्ग

भूतेश्वर नाथ महादेव मंदिर चार पहिया वाहन जैसे कार , बस, तथा दोपहिया वाहन मोटरसाइकिल से जाया जा सकता है, गरियाबंद gariaband बस स्टैंड से गांधी मैदान रोड़ होते हुए पश्चिम दिशा की ओर लगभग 10 किलोमीटर दूरी तय करने पर गंतव्य स्थान पहुंच सकते हैं। यहां जाने के लिए रेल मार्ग नहीं है।

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