गरियाबंद जिला | Gariyaband Jila

gariaband waterfall गरियाबंद जिले की प्रमुख जलप्रपात

गरियाबंद जिले में कई प्रसिद्ध waterfall देखने योग्य हैं Gariaband jila में सर्वप्रथम चिंगरा पगार जलप्रपात का नाम आता है।

1.

Chingra Pagar Waterfall चिंगरा पगार वाटरफॉल

यह जलप्रपात कचना धुरवा तथा बारिका जंगल के बीचोबीच ऊंची पहाड़ों से यह झरना करीब 110 फीट की ऊंचाई से गिरती है यह झरना बरसात के दिनों में बहुत ही मनमोहक दृश्य पर्यटकों का मन मोह लेता है।

चिंगरा पगार वाटरफॉल में पिकनिक के लिए सर्वश्रेष्ठ जगह है गरियाबंद जिले सहित प्रदेश भर से लोग पिकनिक हेतु यहां आते हैं।

चिंगरा पगार जाने का मार्ग

गरियाबंद से 15 किलोमीटर दूर बारुका के नजदीक 3 किलोमीटर आपको यह सुंदर झरना दिखाई देगा, चिंगरा पगार वाटरफॉल जाने के लिए बारुका से पैदल यात्रा का सफर तय पहुंचा जा सकता है।

2.

Devdhara Waterfall देवधारा वाटरफॉल

देवधारा जलप्रपात घने जंगलों के बीच कल-कल करती आवाज और पंछियों की चहचहाहट भरी सुमधुर आवाजें लोगों के मन को मोह लेती हैं।

देवधारा जलप्रपात कुल्हाड़ी घाट और पायली खड़ के बीच एक छोटी सी नदी पर जलप्रपात के रूप में प्रसिद्ध है।

देवधारा जलप्रपात जाने का मार्ग

मैनपुर से गड़ चिरौली मार्ग होते हुए कुल्हाड़ीघाट, बेसराझर से पहुंचा जा सकता है। वन विभाग ने यहां पहुंचने के लिए कच्ची सड़क बनवाई है। इस मार्ग से देवधारा वाटरफॉल की दूरी लगभग 30 किलोमीटर है।

दूसरा रास्ता देवभोग- रायपुर मुख्यमार्ग से डुमरपडाव गांव के पास से जांगडा पायलीखंड होते हुए देवदहरा पहुंचा जा सकता है।

3.

Sindurkhol waterfall सिंदूर खोल वाटरफॉल

सिंदूर खोल जलप्रपात गरियाबंद जिले की खुबसूरत झरना है यह एक छोटा झरना है जो घने जंगलों के बीच बना हुआ है सिंदूर खोल वाटरफॉल एक छोटी सी नदी पर जलप्रपात के रूप में प्रसिद्ध है।

सिंदूर खोल जाने का मार्ग

Sindurkhol waterfall गरियाबंद मुख्य मार्ग से 7 किलोमीटर दूर पर स्थित है तथा जंगलों के बीच बसा गांव तुइया मुड़ा से 3 किलोमीटर की दूरी पर यह जलप्रपात स्थित है। तुइया मुड़ा तक ही फोर व्हीलर से जाया जा सकता है उसके बाद पैदल यात्रा सफर तय कर पहुंचा जा सकता है। गरियाबंद और राजिम के बीच मुख्य मार्ग से सिंदूर खोल वाटरफॉल जाने का मार्ग है।

4.

Botaldhara Waterfall बोतल धारा वाटरफॉल

बोतल धारा जलप्रपात मैनपुर विकासखंड में ऊंची पर्वत पर स्थित है जो कुल्हाड़ी घाट सड़क से यह झरना का खुबसूरत नजारा स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है। Botaldhara Waterfall सरई पानी जंगल के एक छोटी सी नदी पर बना है , सरई पानी जंगल एक ऊंची पर्वत शिखर है जो छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा प्रांत को जोड़ती है। बोतल धारा जलप्रपात के यहां के स्थानीय लोग धार पानी के नाम से जानते हैं।

सरई पानी जंगल को जनश्रुति के अनुसार गौरागढ़ पर्वत भी कहा जाता है जिसका सीधा सम्बन्ध महाभारत काल से है।

बोतल धारा वाटरफॉल जाने का मार्ग

मैनपुर मुख्यालय से कुल्हाड़ी घाट मार्ग होते हुए लगभग 12 किलोमीटर दूर सफ़र तय करने पर बोतल धारा वाटरफॉल पहुंचा जा सकता है। बोतल धारा जलप्रपात मैनपुर और कुल्हाड़ी घाट मार्ग के बीच बाईं ओर बुड़ार गांव के पास से पगडंडी रास्ते सफ़र तय करना होता है।

botaldhara Waterfall जाने के लिए बुड़ार गांव के पास से पैदल यात्रा सफर तय कर उपर पहाड़ी पहुंचा जा सकता है।

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