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समस्याओं को लेकर सड़क पर उतरे लोग निकाली जंगी रैली

Gariaband मैनपुर। गुरुवार को मैनपुर में आदिवासी भारत महासभा एवं मजदूर किसान एकता संघटन के नेतृत्व में मैनपुर क्षेत्र की समस्यओं को लेकर एवं प्रदेश में आदिवासियों के ऊपर बढ़ते दमन के खिलाफ एक दिवसीय जंगी रैली, धरना-प्रदर्शन और सभा कर खण्ड शिक्षा अधिकारी, वन विभाग के एसडीओ एवं अनुविभागीय अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

सभा की अध्यक्षता कॉमरेड भोजलाल नेताम ने किया। संचालन प्रताप मरकाम और आभार युवराज नेताम ने किया। कॉमरेड भोजलाल नेताम ने कहा कि हमारे आदीवासी इलाकों में हाथी आया नहीं है इसे लाया गया है ताकि आदिवासी लोग परेशान होकर अपनी मूल जगह से विस्थापित हो, सरकार एवं वन विभाग ने हमें खदेड़ने की योजना बनाई है।

धरना-प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम अनुविभागीय अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

कॉमरेड सौरा यादव ने कहा कि हाथी की समस्या एक बड़ी समस्या है। वन विभाग को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। शिक्षा, स्वस्थ्य का मुद्दा दुरांचल क्षेत्र ग्राम इजरादी ग्राम पंचायत साहेबिन कछार में विगत 8 वर्ष पूर्व आश्रम शाला का उद्घाटन किया गया है परंतु आज तक वहां पर आश्रम शाला का निर्माण नहीं हुआ है। चिटफंड कंपनियों द्वारा क्षेत्र के आज तक विद्यालय भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ।

कई गरीब मजदूर किसानों की मेहनत का पैसे को लालच देकर अपनी कंपनियों में जमा कराया गया है। लेकिन आज तक निवेशकों को अब वापस नहीं नहीं मिला है उसे तत्काल वापस दिलाया जाए। ब्लॉक मुख्यालय मैनपुर में एकलव्य आवासीय विद्यालय संचालित है। विद्यालय भवन हेतु ग्राम पंचायत जाड़ापदर के आश्रित ग्राम नाऊमुड़ा में निर्माण हेतु भूमि पूजन किया गया था, लेकिन आज तक विद्यालय भवन का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं किया गया हैं। निर्माण कार्य तत्काल प्रारंभ किया जाये। आदिवासियों के निवास स्थलों, संस्कृति और भाषा की रक्षा की जाए। सबके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रोजगार सुनिश्चित किया जाए। आदिवासी बहुल इलाकों में ग्राम सभा, पेसा कानून, संविधान की पांचवीं व छठवीं अनुसूचि लागू किया जाए। इस अवसर पर जलाल नेताम, सौरव यादव, प्रताप मरकाम, युवराज नेताम, लोकेश्वरी नेताम, सियाराम ठाकुर, गौकरण मांझी, पद्मन नेताम, खोलू राम कोमरी, लोकेश नागेश, शिवचरण नागेश आदि उपस्थित थे।

मौलिक अधिकार है लेकिन इचरादी में स्कूल नहीं है। आज भी लाखों आदिवासियों को उनके जमीन का मालिकाना हक तक नहीं मिल पाया है। लम्बे संघर्षों के बदौलत ग्राम सभा, पेशा कानून, पांचवीं अनुसूची बनाया गया, लेकिन इच्छाशक्ति के अभाव के चलते इसे अब तक लागू नहीं किया गया। आज भी ब्रिटिश काल का 1927 का कानून में संशोधन करके केंद्र की फासिस्ट मोदी सरकार लाने का कोशिश कर रही है।

आज की सभा को लोकेश्वरी नेताम, खोलूराम कोमर्रा, लाल सिंह यादव, लोकेश्वर नागेश, बलिराम ठाकुर, सियाराम ठाकुर, मुकुंद कुंजाम, चैतन मरकाम ने भी अपना विचार रखे। सभा में कोनारी, जिडार, गिरोला, बुढार, मैनपुर कला, इचरादी, कोदोमाली, कुल्हाड़ी घाट, भटीगढ, गोबरा, राजपुर, जडापदार से सैकड़ों ने भाग लिया।

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