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जरहीडीह तालाब का अस्तित्व खतरे में‌ | तालाब का निकास नाली टूटा

गरियाबंद मैनपुर । जनता की निस्तारी की समस्या को देखते हुए तालाब के लिए तीन एकड़ निजी पट्टे की जमीन को दान कर दिया गया, लेकिन सरकारी उदासीनता के चलते अब तालाब का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। हम बात क रहे हैं विकासखंड मुख्यालय मैनपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत अड़गड़ी के आश्रित ग्राम जरहीडीह की जहां पक्की सड़क किनारे वर्षों पहले तालाब बनाई गई थी। आसपास के ग्रामीण, राहगीर, मालगाड़ी वाले निस्तारी के लिए तालाब का उपयोग करते हैं। तालाब में हमेशा लबालब पानी भरा रहता था लेकिन अब तालाब के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।

छत्तीसगढ़ शासन के महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी, गाँव देहात में सपना बनकर रह गया है। शासन- प्रशासन के जन समस्या निवारण शिविर में इस तालाब को बचाने के लिए कई बार गुहार लगाया गया लेकिन नतीजा जस का तस रहा। अब तालाब के निकास नाली टूट गया है, जिसे पत्थर सीमेंट से मजबूत निर्माण कराया जाना है। तभी तालाब में पानी रुक सकता है। तभी बरसात का पानी हमेशा भरा रहेगा। लोगों का कहना है कि यह काम मनरेगा के तहत हो सकता है लेकिन इस ओर जिम्मेदारों का ध्यान नहीं जा रहा है।

गर्मी का मौसम निकट है। समय रहते अगर प्रशासन ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो ग्रामीणों को आने वाले समय में भीषण समस्या का सामना करना पड़ सकता है। दानदाता ने कहा, सरकार वापस करे जमीन निस्तारी तालाब के लिए लगभग 3 एकड़ निजी पट्टे वाली जमीन को दान देने वाले मुखिया ग्राम पटेल सुकदेव नेताम ने कहा है कि मैंने जनहित में तालाब निर्माण के लिए अपने जमीन को दान में दिया हूं लेकिन तालाब का अस्तित्व खतरे में हैं, इसलिए मुझे तालाब को सौंपी जाए। मैं खेती किसानी करूंगा।

जनपद सभापति घनश्याम मरकाम ने कहा कि गांव वालों के लिए उपयोगी निस्तारी तालाब का निकास नाली टूट जाने के कारण तालाब अपना अस्तित्व खोते जा रहा है। इसमें गिट्टी, बोल्डर, पत्थर से पेंचिंग कार्य करवा दिया जाए तो निश्चित रूप से तालाब में लबालब पानी भरेगा। ग्राम पंचायत अड़गड़ी के सरपंच कृष्ण कुमार नेताम ने कहा कि निस्तारी तालाब के निकास नाली का मरम्मत हेतु जन समस्या निवारण शिविर में आवेदन भी लगाया जा चुका है।

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