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तेज गर्मी में बढ़ी मटकों और सुराही की मांग

Gariaband News मैनपुर। चिलचिलाती गर्मी में सूखे कंठ को तर करने घड़ों का शीतल जल मिल जाए तो क्या कहना। गर्मी के इस मौसम में ठंडे पानी के लिए मटकों से बेहतर कोई उपाय नहीं है। मैनपुर नगर ग्रामीण अंचल में ठंडे पानी के लिए इन दिनों मटकों की मांग बढ़ गई है।

ठंडे पानी के लिए मटकों से बेहतर कोई उपाय नहीं

मैनपुर नगर के सोमवारी बाजार, नदीपारा क्षेत्र सहित अन्य स्थानों पर मटके की बिक्री हो रही है। इसके अलावा नगर की गलियों में भी कुम्हारपारा की महिलाएं घूम घूम कर मटके का विक्रय कर रही है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे मटकों की मांग भी बढ़ रही है। गर्मी को देखते हुए बड़े पैमाने में मटके तैयार किए जा रहे हैं।

100 रुपये से 150 रुपये के बीच कीमत

कुम्हार पारा के कुम्हारों ने बताया कि गर्मी के सीजन में मटको की मांग बढ़ जाती है। मांग को देखते हुए बड़े पैमाने पर मटक तैयार किए जा रहे हैं। मटके का पानी पीने के शौकीन लोग ही मटके की खरीदी करते हैं, बाकी सब तो वाटर कूलर से पानी पीने लगे हैं। मालूम हो कि मैनपुर नगर के कुम्हारपारा के अलावा वर्तमान में मटकों की कीमत 100 रुपये से 150 रुपये के बीच बताई जा रही है, जो पिछले साल की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। कुम्हारिनों का कहना है कि प्रतिस्पर्धा के दौर में मटके और मिट्टी के बर्तन बेचना मुश्किल हो चला है। बावजूद इसके खर्च निकालने मटका बेच रहे हैं। गर्मी के कारण मटकों की अधिक मांग है। सिमरा बाई चक्रधारी, जोगनी बाई चक्रधारी ने बताया कि पहले मटका और सुराही बनाते ही हाथों हाथ बिक जाया करते थे, लेकिन अब ऐसे हालात नहीं है।

गर्मी के गर्मी के दो महीने पहले शुरू हो जाती है तैयारी

बाजार में बेचने लिए तैयार मटकों को घर पहुंचा समय ही पूछ-परख होती है। कुम्हारों ने बताया कि कारोबार मंदा हो गया है। आसपास के गांव नदीपारा में 40 कुम्हार परिवार के लोग मटके और मिट्टी के बर्तन बेचने मैनपुर नगर पहुंचते हैं। इन दिनों कुम्हारपारा की महिलाएं नगर व आसपास के गांव में घूम घूम कर मटका बेंच रही हैं।

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