बुढ़ादेव सामुदायिक भवन के भूमिपूजन के बाद विधायक ने पांच लाख देने की घोषणा की

Gariaband News मैनपुर। बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक जनक ध्रुव मैनपुर विकासखंड के ग्राम दबनई में आदिवासी समाज द्वारा बुढादेव सामुदायिक भवन के भूमिपूजन कार्यक्रम में पहुंचे इस दौरान आदिवासी समाज द्वारा उनका ऐतिहासिक स्वागत किया गया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से जिला पंचायत के सभापति लोकेश्वरी नेताम, आदिवासी समाज के प्रमुख गुजरात कमलेश, कन्हैया ठाकुर, तिहार सिंह टेकाम, झुमुक लाल, ब्लॉक कांग्रेस मैनपुर अध्यक्ष रामकृष्ण ध्रुव, सरपंच दबनई घनश्याम नागेश विशेष रूप से उपस्थित थे। इस दौरान आदिवासी समाज द्वारा अतिथियों का पीला चावल और पगड़ी पहुंनाकर जोरदार स्वागत किया गया। बुढादेव सामुदायिक भवन का भूमिपूजन विधिवत पूजा अर्चना
कर विधायक जनक ध्रुव एवं जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम द्वारा किया गया। इस दौरान आदिवासी समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक जनक ध्रुव ने कहा आदिवासी समाज को पहले से और अधिक संगठित होने की जरूरत है जब समाज संगठित होता है तो समाज को उनका अधिकार मांगने की जरूरत नहीं पड़ता। संविधान निमार्ता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कहा कि शिक्षित बनो संगठित हो संघर्ष करो तीन प्रमुख उद्देश्य को लेकर चलेंगे तो समाज की विकास होने में कोई नहीं रोक सकता है।

शिक्षित बनो, संगठित होकर संघर्ष करो : जनक ध्रुव

उन्होंने कहा हमें आज सबसे ज्यादा शिक्षा पर ध्यान देने की है। अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा उपलब्ध करायें। उन्होंने आदिवासी सामुदायिक भवन निर्माण के लिए विधायक मद से पांच लाख रुपए देने की घोषणा किया तो समाज जनो ने उनका जोरदार ताली बजाकर स्वागत किया। जिला पंचायत सभापति लोकेश्वरी नेताम ने कहा कि आदिवासी समाज की परंपरा और संस्कृति अलग है। आज हमारे समाज के युवाओं को अपने समाज की संस्कृति और परंपरा को और अधिक जानने की जरूरत है। इस तरह के सामाजिक धार्मिक कार्यक्रम में समाज के महिलाओं और युवाओं की भागीदारी ज्यादा होनी चाहिए जिससे
समाज की संस्कृति से बखूबी वाकिफ हो सके। श्रीमती नेताम ने कहा कि आज हम सबको मिलकर आदिवासी संस्कृति को और अधिक संरक्षित करने प्रयास करने की जरूरत है। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मकरन सिंह पुजारी, खिलेश टेकाम, सुकलाल, यश नेताम, मानसिंह, झुमुक लाल टेकाम, गुरूचरण, धनंजय, पदुलाल, चिंता नेताम, कमला बाई, पार्वती बाई, मालो बाई, तुलसी बाई, हेमा बाई, सुमित्रा, राधिका, चांदनी मरकाम, खिलेश्वर, सुकलाल आदि उपस्थित थे।