
CG NEWS/करुणा और प्रेम रस के सुप्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी लोकगायक धुर्वाराम मरकाम जी का आज 05/03/2023 को सुबह करीब 7:30 बजे निधन होने का खबर आया है। इसकी जानकारी दिलीप कुमार देवांगन मोर मितान YouTube चैनल के माध्यम से प्राप्त हुई है।

धुर्वाराम मरकाम छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी लोकगायक कलाकार थे, वे खैरागढ़ जिला के गंडई टिकरी पारा के निवासी थे। अचानक आज सुबह धुर्वाराम मरकाम जी के निधन की खबर सुनते ही छत्तीसगढ़ के उनके फालोवर एवं शुभचिंतकों को बड़ा सदमा पहुंचा है।
धुर्वाराम मरकाम जी ने अनेक विधाओं में सुमधुर गीतों से छत्तीसगढ़ वासियों के मन को मोह लिया था। उनके सुपरहिट गीतों को आकाशवाणी रायपुर द्वारा प्रसारण किया जाता रहा है।
धुर्वाराम मरकाम जी एक गरीब मध्यम वर्गीय परिवार में से थे उन्होंने अपने जीवन में गरीबी को करीब से देखा और अनुभव किया है। वे बिते तीन माह से लकवा की बीमारी से पीड़ित थे। उनके दाहिने हाथ और पैर लकवा से ग्रसित हो गया था। वे चलने फिरने से असमर्थ थे और आज अचानक उनकी निधन हो चुका है।
धुर्वाराम मरकाम जी के सुप्रसिद्ध गीत-
- जंगल जंगल झाड़ी-झाड़ी खोजेवं सांवरिया….
- चल संगी देवता ल मनाबो…
- बरस भईगे रसिया तरस नई हे, तोर बिना जिनगी म रस नई हे….
- लागे रहिथे दिवाना तोरो बर मोरो मया लागे रहिथे….
- कनिहा म तोर करधन अऊ पांव म सांटी तोर….
- उठे घटा बादर के, आंखी मंजे काजर के.. मोला सुरता तोर आथे…
- ये नदिया बइमान जंवारा ल झिकत ले गे रे….
- छतिया ल बान मारे तरसथे चोला रे…
- माटी के लोंदा मोर करोंदा…
- मोर जतन करो रे मैं माटी महतारी अवं….