
ज्योतिष ज्ञान के चर्चा में आपका स्वागत है, आज के इस ज्ञान चर्चा में हम Nautapa नौतपा से सम्बंधित सभी पहलुओं पर विशेष जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
नौतपा क्या होता है?
9 tapa हर वर्ष होने वाला मौसम की एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, nautapa अक्सर गृष्म ॠतु में प्रारंभ होती है और यह 9 दिन तक चलती है।
नौतपा कब होती है?
9 tapa गृष्म ॠतु में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र गोचर में विचरण करती है तब उसी दिन से नौतपा प्रारंभ होती है।
सूर्य ग्रह के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही धरती का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है। रोहिणी नक्षत्र में सूर्य ग्रह 15 दिनों के लिए आता है। पंद्रह दिनों के पहले के नौ दिन तक सर्वाधिक गर्मी पड़ती है। इन्हीं नौ दिनों तक सर्वाधिक तपन महसूस होता है जिसको नौतपा कहते हैं।
नौतपा कब से लगेगा 2023 ?
इस वर्ष nautapa 22 मई 2023 दिन सोमवार से प्रारंभ हो रहा है। हिंदी माह के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष दशमी तिथि से 9 tapa आरंभ हो रहा है।
नौतपा कब समाप्त होगा?
सूर्य जब 22 मई दिन सोमवार को समय 8:16 बजे पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा तथा 2 जून शुक्रवार की सुबह 6:40 बजे तक रहेगा। इस वर्ष सूर्य ग्रह रोहिणी में 12 दिन तक ही रहेगा। क्योंकि 2 जून शुक्रवार को सुबह ही समाप्त हो रहा है अगर सम्मुख सोमवार को साम अथवा रात्रि के समय समाप्त होता तो 15 दिवस होता।
नौतपा से बारिश की भविष्यवाणी ?
Nautapa के कारण सूर्य की तेज गर्मी सीधे धरातल पर पड़ता है, तेज गर्मी की वजह से ज्यादा बारिश होने की संभावना बढ़ जाती है।
लोगों का मानना है कि 9 tapa के दौरान नौ दिनों में सभी अच्छी तपीश मिले तो अच्छी वर्षा की ओर संकेत देता है।
ज्योतिषविदों का मानना है कि अगर नौतपा के दिनों में बारिश होने लगे तो nautapa का खंडन माना जाता है जिससे बरसात के दिनों में अपेक्षाकृत कम वर्षा होती है।
नौतपा और ज्योतिष विज्ञान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 9 tapa के दिनों में चार ग्रह सूर्य, मंगल, बुध, और शनि जब कुण्डली में एक ही स्थान पर हो तो पृथ्वी के एक बड़े भूभाग पर भीषण गर्मी पड़ती है।
इन चारों ग्रहों के मेल को समसप्तक योग कहते हैं यह बात सत्य है कि प्रति वर्ष नौतपा के दौरान सूर्य,मंगल,बुध और शनि की युति जरुर देखी गई है।
ज्योतिष शास्त्र में भी यह वर्णन जरुर देखने को मिलता है कि जब 9 tapa चल रही हो उस दौरान बारिश होने पर बरसात के मौसम में अपेक्षाकृत कम वर्षा होती है।
नौतपा का वैज्ञानिक आधार
नौतपा के समय सूर्य की तेज किरणें सीधी धरती पर पड़ता है जिसके कारण तापमान बढ़ जाता है, अधिक तापमान होने से मैदानी इलाकों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है जो कि समुद्र की लहरों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस कारण पृथ्वी के कई जगहों पर ठंडी, तूफान और बारिश जैसे आसार भी नजर आने लगते हैं।
वैज्ञानिकों का भी मानना है कि 9 tapa के दौरान भले ही आंधी-तूफान चले परंतु वर्षा नहीं होनी चाहिए अगर बारिश हुई तो वर्षा ऋतु में अपेक्षा से कम बारिश होने की संभावना रहती है।