
Gariaband news मैनपुर ।ब्लॉक मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत गोना के आश्रित ग्राम केरापारा में आदिवासी किसानों ने मक्के की फसल लगाना शुरू कर दिया हैं। क्योंकि मक्के की फसल से ही यह क्षेत्र उन्नत हो रहा है, राजा पड़ाव क्षेत्र के किसानों को मक्का की किसानी के नाम से ही जाना जाता है।
रबी की मक्का फसल लहलहा रही
ग्रामीण किसानों ने बताया कि दो पैकेट मक्का लगाने से 80000 रूपए के मक्के का उत्पादन हो जाता है। इसी तरह मक्का की फसल से ही जीवन यापन करते हैं और दो फसल भी लेते हैं। क्योंकि मक्का लगाने में दो बार ही दिन में पानी देना रहता है। कम सिंचाई में भी मक्का की फसल उगाते हैं। मक्के की खेती में कम दवाई, खाद वगैरह लगता है।

धान की खेती से मक्का की खेती बड़ी सरल है। समय-समय पर मक्का का रेट कम रहता है लेकिन इस बार 20 से अधिक व्यापारियों द्वारा खरीदा जा रहा है। क्षेत्र को पूरी तरह बंजर जमीन के नाम से जाना जाता था।
कृषि विभाग द्वारा गाइडलाइन दी जाती है
उड़द मूंग वगैरह उगाया जाता था लेकिन उड़द, मूंग की फसल से अत्यधिक लाभ मक्का की खेती से ही हो रहा है। कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर गाइडलाइन दी जाती है। विकास खंड कृषि अधिकारी दिनेश शांडिल्य दौरा करते ही रहते हैं और किसानों को गाइडलाइन देते हैं।