
Gariaband मैनपुर। ब्लॉक मुख्यालय से 5 किमी दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत देहारगुड़ा में श्रीमद्भागवत कथा नौ दिवसीय आयोजन किया गया है जिसमें पांचवां दिन श्रीमद्भागवत कथा सुनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। मंगलवार को कथा रही समुद्र मंथन, बली कथा, वामन अवतार, राम अवतार, मत्स्य अवतार, श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाई गई।

कथावाचक श्याम प्रसाद मिश्रा ने कहा कि भगवान कृष्ण ने संकट के समय में देवकी और वासुदेव के यहां जन्म लिए। वहां अत्याचार कर रहे असुरों को दमन करने के लिए भगवान ने अवतार लिया। द्वारकाधीश अवतार लेकर वहां की प्रजा असुरों की कब्जा में था । देवकी जब गर्भ में थी तो उसके भाई कंस ने जेल में बंदी बना कर रखा था। वहीं जेल में ही भगवान ने अवतार लिया है उसके बाद तरह-तरह की असुरों के द्वारा भगवान श्री कृष्ण को मारने के लिए अनेक उपाय राजा कंस के द्वारा किया जा रहा था लेकिन भगवान तो भगवान है उसे कौन मार सकता है इसलिए उन्हें नहीं मार पाए।
श्री मिश्रा ने कथा को आगे बताया कि उसकी बहन और बहनोई को भी अत्यधि प्रताड़ित किया । आठवां पुत्र के बारे में कहा कि जैसे ही आठवां पुत्र पैदा हुआ, वैसे ही जेल की किलवाड़ भी टूटने लगी। बेली टूट गई। इस अवसर पर बुधराम, देवा सिंह, घसियाराम, हितराम, कुंज बिहारी, लोकेश, कीर्तन सिंह, सीताराम केसर, पवन सिंह, सदाराम, जुगलाल, सुंदर, महेश, भारत, ईश्वर लाल सिंह, रामधन सिंह, गोवर्धन, जुगलाल तिहारु, सुंदर डीगेस्वर, केसरबाई, कुंजोबाई, बांसमोतीन, हिमेश्वर, श्याम बाई, अनिल कुमारी, पीला बाई धनमोती व गीताबाई आदि उपस्थित थे।