
Gariaband मैनपुर। तहसील मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत कुल्हाड़ी घाट की आश्रित ग्राम कठुआ में विशेष पिछड़ी जनजाति कमार समाज के सभी ग्रामीणों को बुलाकर बैठक में विचार विमर्श किया गया। टीम का उद्देश्य है कि जंगलों में निवासरत कैसे जीवन जीते हैं और वन्यप्राणियों की सुरक्षा कैसे की जा सकती है। वहीं कमारों के बीच डब्ल्यू सीसीबी नई दिल्ली की टीम मौजूद रही। वहीं कर्मचारी और कमारों के बीच कई घंटे तक बैठक में चर्चाएं हुई और उनकी हालचाल जाना।

कमारों के बीच ग्रामीणों ने अपनी जीवनशैली से अवगत कराया
टीम को वर्तमान स्थिति एवं पूर्व में रही स्थिति के बारे में जानकारियां दी गई। डब्ल्यू सीसीबी द्वारा कठुवा नर्सरी, ग्राम कठुवा में वन प्रबंधन समिति सदस्यों से भी चर्चाएं हुई। ग्रामीणों ने बताया कि कैसे बांस बर्तन बनाकर अपनी आजीविका चलाते हैं। वहीं बाजार तक पहुंचने में किस तरह की समस्याएं होती है, सही मूल्य मिलता है या नहीं आदि गतिविधियों के बारे में टीम को जानकारी दी। कंदमूल फल खाकर कैसे अपना जीवन व्यतीत करते हैं उसको भी दिल्ली की टीम को अवगत कराया।
वहीं वनोपज के संबंध में भी बताया कि चार, चिरौंजी, महुआ, तेंदू, गोदला, जड़ी इत्यादि जंगल की वनस्पति संबंध में एवं वन्यप्राणियों के संबंध में चर्चा किया गया। तीर कमान से वनोपज से अवगत हुई टीम निशाना लगाने का अभ्यास कर दिखाए। दिल्ली की टीम गंभीरता से बात सुनी और एक-एक जानकारी इक्कठा की।
इस अवसर पर वन परीक्षेत्र अधिकारी अमरसिंह, परिक्षेत्र अधिकारी डोमार साहू, वन परिक्षेत्र अधिकारी सोनी, जगदीश दर्रो, बैकुंठ सिंह ठाकुर, सहायक परीक्षेत्र अधिकारी गोपाल कश्यप, शिवराज साहू, ग्रामीण फुलचन, कमलाबाई, तुलेश, पवन सिंह, मन कुमार, बबीता, शिवकुमारी, राजाराम, घासीराम, रायमल, सुमित्रा, पार्वती, देवला, चैन सिंह, रतन, विश्वनाथ इत्यादि उपस्थित थे।