
(गरियाबंद) मैनपुर । साप्ताहिक सोमवारी बाजार में वनोपज की खरीदी जोरों पर हो रही है। वनांचल क्षेत्र के ग्रामीण सोमवारी बाजार में दैनिक उपयोगी सामग्री खरीदने के लिए आते हैं तो वनोपज बेच कर ही दैनिक उपयोगी सामग्री खरीदते हैं। इससे लोगों को रोजगार भी मिल रहा है और आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।
वनांचल क्षेत्र में चार की चिरौंजी को ला कर उसे रात भर पानी में डुबोये रहते हैं। उसके बाद उसे अच्छे से धुलाई कर चार गुठली को सुखाकर बाजार में बेचते हैं। इसे 150 रूपए प्रति किलो बेच रहे हैं। ग्रामीण जंगल से एक दिन में 4 किलो तक की चार गुठली ला करके बेचते हैं। इससे 600 रुपए प्रति दिन तक मिल जाती है।
इमली की फसल इस वर्ष कम है और उसका मूल्य भी बाजार भाव में कम बताया जा रहा है। 20 रूपए प्रति किलो के दर से इमली की खरीदी की जा रही है। इमली को भी वनांचल क्षेत्र के ग्रामीण अपने खेत खलिहान के पेड़ों से लाकर के बाजार में बेचते हैं। इसका लाभ भी वनांचल क्षेत्र के ग्रामीणों को मिल रहा है। पहले सोमवारी बाजार मैनपुर में अनेक तरह के वनोपज दिखाई देते थे
लेकिन अब वनोपज लुप्त होते जा रहे हैं। पहले घरों घर वनोपज एकत्रित करते थे और अच्छे मुनाफा भी कमाते थे लेकिन अब ऐसी स्थिति दिखाई नहीं दे रही है।