(गरियाबंद) मैनपुर। मैनपुर सीतानदी उदंती क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत साहेबीन कछार थाना व तहसील मैनपुर के आश्रित ग्राम ईचरादी, मोहल्ले चिखलापारा, दसपुर, नंगराजी के निवासी जयराम, देवेंद्रकुमार, सुकुदास, बालसिंह, नारोराम, जयराम, कमलदास, साधुराम, सीमासी नेताम, कलावती, लोकनाथ, कृष्णा, बुधमन, बरन मरकाम, रोहित, गोपीनाथ, जोगी व आसमन आदि ने बताया कि पूर्वजों के साथ वर्ष 1985-86 से इन गांवों में निवासरत है। ग्राम में सरकारी स्कूल जनवरी माह में स्कूल में शिक्षक की मांग को लेकर मैनपुर एसडीएम एवं जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र सौंपा गया था। हम अपने परिवार सहित खेती-बाड़ी, रोजगार गारंटी के काम व वनोपजों के भरोसे अपना जीवन यापन कर रहे हैं। विगत मंगलवार को सुबह करीब 9 बजे वन विभाग के सात अधिकारी- कर्मचारी जिनके साथ बीट गार्ड व चौकीदार भी थे।
ईचरादी गांव आये और सभी मोहल्लों में पहुंचकर हमें चेतावनी दिया है कि सोरनामाल गांव से बस्ती को खाली कराया गया है। अब तीन दिन के भीतर गांव खाली करके कहीं दूसरे जगह चले जाओ। उन लोगों ने सभी गांव वालों का उनके घर के सामने फोटो खींचकर ले गये हैं। वन विभाग के इस मौखिक तुगलकी फरमान से हम ग्रामीणजनों में भय का वातावरण बन गया है।
ग्रामीणों ने कहा कि गांव में करीब 400 परिवार निवासरत है। गाँव वालों के सामने रोजी रोटी व आवास का संकट आ गया है। इस मौके पर अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही, सदस्य ललित कुमार, जीवन सिन्हा, आदिवासी भारत महासभा (एबीएम) के प्रमुख सदस्य युवराज नेताम, पदम नेताम, भीमसेन मरकाम, परमेश्वर मरकाम, गौकरण नागेश आदि उपस्थित थे।